Friday, September 27, 2019

When Do Women And Men Feel Most Sexually Active In Hindi

सर्वेक्षण से पता चलता है कि महिला और पुरुष अलग-अलग समय पर सेक्शुअली अ‍ॅक्टिव फील करते हैं, जिससे कि शारीरिक संपर्क की उनकी इच्छा अलग-अलग समय पर जागती है।

इसलिए यदि आपको लगता है कि आपका साथी कम शारीरिक सम्बन्ध बनाता है, तो यह उसके अलग समय पर सेक्शुअली अ‍ॅक्टिव फील करने के कारण हो सकता है। आज हम इस लेख में इस बारे में कुछ रोचक और अद्भुत बातें बताने जा रहे है, तो आइये इस बारे में विस्तार से जानते है...

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सबसे ज्यादा किस समय पुरुष और महिलाएं उत्तेजित होती है? | What time do men and women get excited the most?


रिपोर्ट के अनुसार, एक कंपनी द्वारा २३०० वयस्कों के साथ एक सर्वेक्षण किया गया था। उनमेसे लगभग ७० प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि उनकी सेक्स ड्राइव (sex drive) उनके और उनके साथी से मेल नहीं खाती। क्योंकि दोनों अलग-अलग समय पर उत्तेजित होते हैं। यह मुख्य रूप से महिलाओं और पुरुषों के विभिन्न हार्मोन चक्र (hormone cycle) के कारण होता है।

पुरुषों का कहना है कि वे अपने दिन की शुरुआत सुबह ६ से ९ बजे के बीच शारीरिक संबंध बनाकर करना चाहते हैं। उनमे रात में ११ से २ बजे के बीच यौन संबंध बनाने की इच्छा जागृत होती है। कुल मिलाकर देखा जाये तो, पुरुष सुबह ७ से ८ बजे के दौरान सबसे अधिक उत्तेजित होते हैं। वही महिलाएं रात को ११.३० बजे ज्यादा उत्तेजित होती है।

पुरुषों और महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन का स्तर कब ज्यादा होता हैं? | When are testosterone levels higher in men and women?


सुबह में पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर अधिक होता है। जबकि महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन का स्तर धीरे-धीरे बढ़ता है। लेकिन उनके टेस्टोस्टेरोन का स्तर उनके मासिक धर्म चक्र (menstrual cycle) पर भी निर्भर करता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि जहां महिलाएं लचीली (flexible) होती हैं, वहीं पुरुषों की इच्छा सीधे समय पर आधारित होती है। महिलाओं की सेक्स ड्राइव समय से परे कई चीजों से प्रभावित हुई है। लेकिन अलग-अलग शेड्यूल से सेक्स लाइफ खत्म नहीं होनी चाहिए।

महिलाएं सबसे अधिक यौन सक्रियता कब महसूस करती है? | When do women feel most sexually active?


सर्वेक्षण के अनुसार, महिलाओं की कामेच्छा अधिक जटिल, अधिक मनोवैज्ञानिक है। इसका उनके पार्टनर से कोई लेना-देना नहीं है। यदि वे अच्छा आत्मसम्मान महसूस करते हैं और उत्तेजित होते हैं, तब वे निस्संदेह शारीरिक संबंधों के लिए आगे बढ़ेंगी। उस समय, वे संभोग का अनुभव करने की अधिक संभावना रखते हैं, चाहे कोई भी समय हो।

आप कितनी बार सेक्स करते हैं या नहीं करते हैं, इसका गिल्ट (guilt) छोड़कर भी एक अच्छा लैंगिक जीवन (sex life) हासिल कीया जा सकती है। अक्सर महिलावोंकी तबतक शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा नहीं होती, जब तक कि पार्टनर के साथ फोरप्ले शुरू न हो जाए। जो ऐसा कहता है, उसके बारे में मत सोचो। वही करें जो आपका मन कहता है।

(नोट: उपरोक्त सुझाव केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए हैं। अतः इसक उपयोग करने से पहले विशेषज्ञों की सलाह जरूर ले।)

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Thursday, September 26, 2019

Hemophilia Disease Symptoms, Causes, Treatment, and Types in Hindi

अगर आपको कभी थोड़ी चोट लगाती है और उससे खून बहता है, लेकिन कई उपायों के बाद भी खून नहीं रुकता है? तब आपको हीमोफिलिया (Hemophilia) हो सकता है। हीमोफिलिया (Hemophilia) एक आनुवांशिक बीमारी है। इस बीमारी में चोट लगाने के कुछ मिनटों के बाद भी रक्त बहता रहता है। फिर चाहे कितने भी उपाय करें, खून नहीं रुकता है।

अगर हीमोफिलिया (Hemophilia) से पीड़ित व्यक्ति के साथ कोई दुर्घटना होती है या उसे कोई गंभीर बीमारी होती है, तो उसे अपनी जान भी गावनि पड़ सकती है। क्योंकि इस बीमारी में खून रुकता नहीं है, और बहुत अधिक खून बह जाता है। जिसके कारण शरीर में खून  की कमी के कारण उस व्यक्ति के जान को खतरा हो सकता है। इस लेख में आज हम आपको इस बीमारी के बारे में विस्तार से बताने जा रहे है।

हीमोफिलिया क्या है? | What is Hemophilia?

हीमोफिलिया (Hemophilia) एक विरासत में मिली हुई आनुवांशिक बीमारी है जो रक्त के थक्के (Blood clots) बनाने के लिए शरीर की क्षमता को बाधित करता है, जो की रक्तस्राव को रोकने के लिए एक आवश्यक प्रक्रिया होती है। इससे लोगों को चोट लगने के बाद लंबे समय तक रक्तस्राव होता है और जोड़ों या मस्तिष्क के अंदर रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है।

थक्के के 13 प्रकार के कारक (clotting factors) होते हैं, और ये रक्त के थक्के (blood clot) की मदद करने के लिए प्लेटलेट्स (platelets) के साथ काम करते हैं। प्लेटलेट्स छोटी रक्त कोशिकाएं होती हैं जो आपके अस्थि मज्जा (bone marrow) में बनती हैं।

हीमोफिलिया के कारण | Causes of Hemophilia


विशेषज्ञ के अनुसार, हीमोफिलिया (Hemophilia) का सबसे आम कारण रक्त में प्रोटीन की कमी है। जिसके कारण ब्लड क्लॉटिंग फॅक्टरपर परिणाम दिखाई देते है। शरीर में जख्म होने के बाद खून रुकने के लिए blood clotting factor मदद करता है।

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हीमोफिलिया के प्रकार | What are the Types of Hemophilia?


हीमोफिलियाके तीन प्रकार के होते हैं ... हीमोफिलिया ए, बी और सी।

हीमोफिलिया ए | Hemophilia A


हीमोफिलिया ए सबसे सामान्य प्रकार का हीमोफिलिया है, और यह ब्लड कारक VIII में कमी के कारण होता है। हीमोफिलिया वाले 10 में से आठ लोगों में हीमोफिलिया ए होता है।

हीमोफिलिया बी | Hemophilia B


हीमोफिलिया बी, जिसे क्रिसमस रोग भी कहा जाता है, जो कारक IX की कमी के कारण होता है।

हीमोफिलिया सी | Hemophilia C


हीमोफिलिया सी इस बीमारी का सबसे हल्का प्रकार है जो कारक XI की कमी के कारण होता है। इस प्रकार के हीमोफिलिया वाले लोग अक्सर सहज रक्तस्राव का अनुभव नहीं करते हैं। आघात या सर्जरी के बाद आमतौर पर रक्तस्राव होता है।

बेहद दुर्लभ मामलों में, हीमोफिलिया जन्म के बाद विकसित हो सकता है। इसे "अधिग्रहित हीमोफिलिया" (acquired hemophilia) कहा जाता है। यह उन लोगों में होता है जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune system) एंटीबॉडीज बनाती है जो कारक VIII या IX पर हमला करते हैं।

हीमोफिलिया के लक्षण क्या हैं? | What Are the Symptoms of Hemophilia?


आपके लक्षणों की सीमा आपके कारक की कमी की गंभीरता पर निर्भर करती है। आघात के मामले में मामूली कमी वाले लोगों को खून बह सकता है। एक गंभीर कमी वाले लोग बिना किसी कारण के खून बह सकता है।

सहज रक्तस्राव निम्नलिखित कारणों से हो सकता है:

• कटने या गहरी चोट से
• सर्जरी या दंत चिकित्सा के बाद अस्पष्टीकृत और अत्यधिक रक्तस्राव
• कई बड़े या गहरे घाव
• मूत्र या मल में खून
• टीकाकरण के बाद असामान्य रक्तस्राव
• आपके जोड़ों में दर्द, सूजन या जकड़न

हीमोफीलिया पर उपचार क्या है? | what is the treatment for hemophilia?



हीमोफिलिया के लिए प्राथमिक उपचार फैक्टर रिप्लेसमेंट थेरेपी (factor replacement therapy) है। जिसमें क्लॉटिंग फैक्टर (clotting factor) को replace करने का काम किया जाता है। इस थेरेपी में, रक्त प्लाज्मा (blood plasma) को एकत्र किया जाता है और उसे शुद्ध किया जाता है।

हीमोफिलिया ए का इलाज prescription hormone के साथ कर सकता है। इस हार्मोन को डेस्मोप्रेसिन (desmopressin) कहा जाता है। जिसे डॉक्टर इंजेक्शन के रूप में आपकी नस में दे सकते हैं। यह दवा रक्त के थक्के (blood clots) बनने की प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार कारकों को उत्तेजित करके काम करती है।

हीमोफिलिया से पीड़ित लोगों को इसका ध्यान रखना चाहिए | haemophilia patients should take care of this

• हीमोफिलिया के रोगियों को अक्सर सलाह दी जाती है कि वे अपने दैनिक जीवन में अपनी हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए व्यायाम को शामिल करें।

• हीमोफिलिया के रोगियोंका वजन भी नियंत्रित होना चाहिए।

• यदि रोगियों के दांतों से खून आ रहा है, तो डॉक्टर से परामर्श करें और अपने दाँत ब्रश करने के लिए नरम (soft) टूथब्रश का उपयोग करें।

• इसके अलावा, अपने चिकित्सक से नियमित रूप से समय-समय पर जांच करवाते रहें।

हीमोफिलिया से ग्रसित व्यक्तियों को अपने मन से कोई दवा नहीं लेनी चाहिए। साथ ही, ब्लड थिनिंग वाली दवाई जैसे, वार्फरिन (warfarin) और हेपरिन (heparin) जैसी दवाओं से बचना चाहिए।
शरीर में रक्त के प्रवाह को सुचारू रखने के लिए समय-समय पर अपने डॉक्टर से जाँच करें। साथ ही किसी डॉक्टर की सलाह से ही कोई इलाज करें।

(नोट: उपरोक्त सुझाव केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए हैं। अतः इसक उपयोग करने से पहले विशेषज्ञों की सलाह जरूर ले।)

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Tuesday, September 3, 2019

What is the reason for Kidney Stone? | पथरी (किडनी स्टोन) होने के क्या कारण हैं?

पथरी गुर्दे (Kidney) की एक महत्वपूर्ण  बीमारी है जो आजकल बहोत से लोगों में आमतौर पर दिखाई देती है। पथरी की बीमारी होने पर पेट या पीठ के निचले हिस्से में असहनीय पीड़ा, पेशाब में संक्रमण होती है और अगर यह ज्यादा बढ़ जाये तो किडनी को नुकसान हो सकता है। इसलिए पथरी की बीमारी के बारे में और उसके उपायों के बारे में विस्तार से जानना जरुरी है।
पथरी क्या है? | What is Stone?
हम जिन पदार्थो का सेवन करते है उनमे कुछ मात्रा में कैल्शियम ऑक्जलेट या अन्य क्षारकाण (Crystals) होते है, जो की किडनी से पुरी तरह से फ़िल्टर नहीं हो पाते। उसके बाद वह कण एक दूसरे से मिल जाते है और कुछ दिनों में धीरे-धीरे मूत्रमार्ग में उन कणों के वजह से कठोर पदार्थ बनने लगता है, जिसे पथरी के नाम से जाना जाता है। उस कारण जब हम पेशाब करते है उसमे जलन या असहनीय पीड़ा होती है। 
किडनी में अगर १ लीटर से कम पेशाब बन रहा है तो उसमे पथरी तैयार होने की सम्भावना बढ़ जाती है। किडनी की पथरी २० से ४० साल की उम्र के लोगों में ज्यादा बनती है। महिलाओं की अपेक्षा में पुरुषों में पथरी बनाने का प्रमाण अधिक है।

किडनी स्टोन का आकार | Size of Kidney Stone 

पथरी मुख्य तौर पर मूत्रवाहिनी (ureter), मूत्राशय (urinary bladder) और किडनी (kidney) में पायी  जाती है।
पथरी विभिन्न आकर की होती है। जैसे की मूत्रमार्ग (Urethra) में जो पथरी तैयार होती है वह विभिन्न आकर की और अलग-अलग लंबाई की होती है। उसका आकार रेत के कण जितनी छोटा भी हो सकता है वही कुछ मामलों में तो वह गेंद की जितनी बड़ी भी हो सकती है। 
कुछ तरह की पथरी अंडाकार या गोल होती है तो कुछ पथरी खुरदरी होती है। जो पथरी अंडाकार या गोल होती है वह ज्यादातर बाहर से चिकनी होती है। इस प्रकार की पथरी बड़ी सरलता से पेशाब में बाहर निकल जाती है और इसमें दर्द भी कम होता है।
वही जो पथरी खुरदरी होती है उससे दर्द होने की सम्भावना बहुत ज्यादा होती है और वह सरलता से पेशाब में बाहर नहीं निकलती।

किडनी स्टोन होने के मुख्य कारण क्या है? | What are the main causes of kidney stone?


किडनी स्टोन होने के वैसे तो विभिन्न कारण है, लेकिन इनमें से कुछ मुख्य कारण हम आपको विस्तार से बताने जा रहे है जो kidney stone की सम्भावना को बढ़ाते है।

किडनी स्टोन के कारण | Causes of kidney stone

कम पानी पीना | Drink less water

आजकल ज्यादातर रोगों के मुख्य कारणों पर सोचा जाये तो उन सबका प्रथम कारण कम पानी पीना ही निकलता है । पथरी की बीमारी भी इसका अपवाद नही है। कम पानी पीना ही पथरी होने का सबसे महत्वपुर्ण कारणों में से एक कारण है। 
विशेषज्ञोंके अनुसार हर इंसान को एक दिन में कम से कम 2.5 से 3 लीटर पानी पीना जरूरी होता है। अगर आप प्रतिदिन काम पानी पिते है तो पेशाब भी कम होती है। इसके कारण शरीर से कैल्शियम ऑक्जलेट या अन्य क्षारकाण पेशाब द्वारा शरीर से बहार नही निकल पाते है और उसके कारण ही पथरी की बीमारी हो सकती है।

आनुवंशिकता | Heredity

आनुवंशिकता भी पथरी होने का एक महत्वपूर्ण कारण है। अगर आपके परिवार में किसी को किडनी स्टोन की समस्या है, तो आनुवंशिकता के कारण परिवार के अन्य सदस्य को भी यह बीमारी होने की सम्भावना बढ़ जाती है।

कैल्शियम ऑक्सालेट | Calcium oxalate

पथरी के कारण में कैल्शियम ऑक्सालेट से तैयार होने वाली पथरी सबसे ज्यादा पाई जाती है। इस तरह की पथरी शरीर में कैल्शियम और ऑक्सालेट की अधिकता के कारण बनती है। कैल्शियम ऑक्सालेट, ऑक्सालेट का कैल्शियम सॉल्ट यानि एक प्रकार का नमक है। शरीर में जब ऑक्सालेट की मात्रा ज्यादा हो जाती है तो वह किडनी में कैल्शियम के साथ मिलकर पथरी बना देता है।
इस तरह की पथरी का निर्माण अधिक ऑक्सालेट की मात्रा वाली चीजें ज्यादा लेने से हो सकता है। जैसे की आलु की चिप्स, पालक, मुंगफली, अमरुद, भिन्डी, बादाम, शकरकंद, चुकंदर आदि चीजों में ऑक्सालेट की मात्रा अधिक होती है।

दैनिक आहार | Daily Diet

हमारे दैनिक आहार में कुछ चीजे ऐसी होती है जो किडनी स्टोन होने की सम्भावना को बढ़ाती है। जैसे की टमाटर, बैगन, लाल मास (red meat), पालक, चुकुन्दर, उच्च प्रोटीन वाले पदार्थ, बादाम, सप्लीमेंट्स, उच्च सोडियम युक्त पदार्थ, और डार्क चॉकलेट आदि।
कोई व्यक्ति अगर इस बीमारी का लक्ष्य है, तो उसे इन खाद्यपदार्थों को कम मात्रा में लेना चाहिए या तो ऐसे पदार्थो खाने पर रोक लगाने की आवश्यकता होती है।

अत्यधिक नमक का सेवन | Excessive salt intake

दैनिक आहार में अत्यधिक नमक का सेवन करना या ज्यादा नमक वाली चीजोंको ग्रहण करना किडनी स्टोन की बीमारी होने की संभावना को बढ़ावा देता है।

सिस्टीन | Cysteine

सिस्टीन मनुष्यों में एक गैर-आवश्यक सल्फर युक्त अमीनो एसिड है। सिस्टीन प्रोटीन संश्लेषण, विषहरण (detoxification) और विविध चयापचय कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है।
सिस्टीन से बनानेवाली पथरी का कारण अनुवांशिक होता है। लेकिन पथरी का यह प्रकार बहुत कम लोगों में है। इस प्रकार की पथरी को एक बार निकाल देने के बाद भी यह दुबारा बन जाती है।
इसके अलावा गुर्दे की पथरी बनाने के कई अन्य कारण भी है। उनमे से कुछ कारण निचे दिया गए है, 
१) मोटापा 
२) थायरॉइड 
३) डिहाइड्रेशन 
४) अधिक प्रोटीन व नमक वाला भोजन 
५) कुछ विशेष प्रकार की दवा 
६) पेशाब में अधिक मात्रा में केमिकल और एसिड होने से
७) अधिक मात्रा में जंक फुड का सेवन करने से
उपरोक्त सभी किडनी स्टोन होने के कारण है। अतः अगर आप पथरी से बचाना चाहते है तो इन कारणों पर ध्यान रखना चाहिए और इससे तुरंत निजात पाने के लिए जल्द से जल्द इलाज करना चाहिए।
(नोट: उपरोक्त सुझाव केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए हैं। अतः इसक उपयोग करने से पहले विशेषज्ञों की सलाह जरूर ले।)
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