कभी कभी गुदा और मलाशय में मौजूद नसों में तनाव और सूजन आती है उसे बवासीर (Piles) कहते है। आमतौर पर देखा जाये तो यह मलाशय और गुदा में स्थित जो Varicose Veins होती है उसकी बीमारी है। बवासीर (Piles) गुदा या मलाशय के अंदर की तरफ या बाहर की ओर हो सकता है। इस लेख में, आप बवासीर (Piles) के कारणों के बारे में जान सकते हैं। तो पढ़िए Causes of Piles in Hindi - बवासीर होने के कारण;
मलाशय/गुदा (Rectum) के आसपास की नसों में दबाव कारण उनमें एक तरह का खिंचाव आता है जिससे कारण उनमें सूजन उत्पन्न होती है या उनमे उभर आ जाती हैं। इन नसों में आई सूजन के कारण ही बवासीर (Piles) उत्पन्न होता है। मलाशय/गुदा के निचे वाले हिस्से में निम्नलिखित कारणों से दबाव बढ़ता है।
१) टॉयलेट में काफी समय से बैठे रहना
२) पुराणी कब्ज या लंबे समय से दस्त होना
३) शौच/ मलत्याग करते समय जोर लगाना
ऊपर दिए गए सभी मलाशय/गुदा क्षेत्र में रक्त प्रवाह (blood flow) को प्रभावित करते हैं, जिससे रक्त वाहिकाओं में दबाव बढ़ता है और उनके आकार में वृद्धि होने लगती है। इसके अलावा शौच करते वक्त अधिक जोर लगाने से मलाशय/गुदा की नली में दबाव बढ़ जाता है, Sphincter (एक तरह की खुलने एवं बंद होने वाली मांसपेशियां) में दबाव पड़ने के कारण बवासीर (Piles) होता है।
१) स्थूलता/मोटापा (Obesity):
मोटापे के कारण पेट बढ़ने लगता है, पेट के भीतर का दबाव बढ़ने से मलद्वार/गुदा की मांसपेशियों (Anal muscles) पर दबाव बढ़ता है।
२) उम्र बढ़ना (Aging):
बढाती उम्र के साथ-साथ जो पेशियाँ (Tissues) बवासीर से बचाव कराती हैं, वह कमजोर हो जाती हैं। इसी वजह से बवासीर (Piles) और बढ़ जाता है और उभर कर बाहर की और निकल आता है।
३) गुदा मैथुन (Anal Sex):
गुदा मैथुन (Anal Sex) के कारण भी बवासीर हो सकता है।
४) गर्भावस्था (Pregnancy):
गर्भावस्था (Pregnancy) में गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण भी मलाशय/गुदा की नसों (veins) में तनाव आने लगता है और उनपर सूजन आती है।
गुदा नलिका (Anal canal) की परत के अंदर की नसों में होने वाले बदलाव और बवासीर होने के कारण पूरी तरह से साफ नहीं है। हालांकि कि कई समस्याओ में माना जाता है की मलाशय के भीतर और गुदा के इर्द गिर्द बढ़ने वाला दबाव यह एक प्रमुख कारण हो सकता है।
• आनुवंशिकता (Heredity):
आनुवंशिकता के कारण भी बवासीर (Piles) की बीमारी हो सकती है। मलाशय स्थान में नसों की कमजोरी बवासीर के आनुवंशिक कारणों से हो सकती है।
• बद्धकोष्ठता/कब्ज (Constipation):
बद्धकोष्ठता के कारण शौच करते वक्त अधिक जोर लगाना पड़ता है जिसके कारण गुदा के आसपास और भीतर दबाव पड़ने से बवासीर (Piles) होता है। इसलिए, जब भी बद्धकोष्ठता/कब्ज की समस्या हो तो जितनी जल्दी हो सके इसका इलाज करें।
• गर्भावस्था (Pregnancy):
गर्भावस्था (Pregnancy) में बवासीर (Piles) होना आम बात है। ये गर्भाशय में बच्चे के दबाव के कारण हो सकता है। इसके सिवाय, गर्भावस्था में होने वाले हार्मोनल बदलाव की वजह से भी हो सकता है।
• अधिक भार उठाना (Carry Over Weight)
जब अधिक भार उठाते हैं, तो मलाशय पर अतिरिक्त शारीरिक दबाव पड़ता है। लम्बे वक्त तक ऐसा करने से, रक्त वाहिकाओं में सूजन का खतरा बढ़ जाता है जिससे कारन बवासीर (Piles) की शुरुआत हो सकती है। इसके सिवाय, लम्बे समय तक खड़े और बैठे रहने से भी पाइल्स हो सकता है।
बवासीर (Piles) क्यों होता है?
मलाशय/गुदा (Rectum) के आसपास की नसों में दबाव कारण उनमें एक तरह का खिंचाव आता है जिससे कारण उनमें सूजन उत्पन्न होती है या उनमे उभर आ जाती हैं। इन नसों में आई सूजन के कारण ही बवासीर (Piles) उत्पन्न होता है। मलाशय/गुदा के निचे वाले हिस्से में निम्नलिखित कारणों से दबाव बढ़ता है।
१) टॉयलेट में काफी समय से बैठे रहना
२) पुराणी कब्ज या लंबे समय से दस्त होना
३) शौच/ मलत्याग करते समय जोर लगाना
ऊपर दिए गए सभी मलाशय/गुदा क्षेत्र में रक्त प्रवाह (blood flow) को प्रभावित करते हैं, जिससे रक्त वाहिकाओं में दबाव बढ़ता है और उनके आकार में वृद्धि होने लगती है। इसके अलावा शौच करते वक्त अधिक जोर लगाने से मलाशय/गुदा की नली में दबाव बढ़ जाता है, Sphincter (एक तरह की खुलने एवं बंद होने वाली मांसपेशियां) में दबाव पड़ने के कारण बवासीर (Piles) होता है।
Piles causes in Hindi | बवासीर के कारण
मोटापे के कारण पेट बढ़ने लगता है, पेट के भीतर का दबाव बढ़ने से मलद्वार/गुदा की मांसपेशियों (Anal muscles) पर दबाव बढ़ता है।
२) उम्र बढ़ना (Aging):
बढाती उम्र के साथ-साथ जो पेशियाँ (Tissues) बवासीर से बचाव कराती हैं, वह कमजोर हो जाती हैं। इसी वजह से बवासीर (Piles) और बढ़ जाता है और उभर कर बाहर की और निकल आता है।
३) गुदा मैथुन (Anal Sex):
गुदा मैथुन (Anal Sex) के कारण भी बवासीर हो सकता है।
४) गर्भावस्था (Pregnancy):
गर्भावस्था (Pregnancy) में गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण भी मलाशय/गुदा की नसों (veins) में तनाव आने लगता है और उनपर सूजन आती है।
बवासीर (Piles) का खतरा बढ़ने का क्या कारण है?
• आनुवंशिकता (Heredity):
आनुवंशिकता के कारण भी बवासीर (Piles) की बीमारी हो सकती है। मलाशय स्थान में नसों की कमजोरी बवासीर के आनुवंशिक कारणों से हो सकती है।
• बद्धकोष्ठता/कब्ज (Constipation):
बद्धकोष्ठता के कारण शौच करते वक्त अधिक जोर लगाना पड़ता है जिसके कारण गुदा के आसपास और भीतर दबाव पड़ने से बवासीर (Piles) होता है। इसलिए, जब भी बद्धकोष्ठता/कब्ज की समस्या हो तो जितनी जल्दी हो सके इसका इलाज करें।
• गर्भावस्था (Pregnancy):
गर्भावस्था (Pregnancy) में बवासीर (Piles) होना आम बात है। ये गर्भाशय में बच्चे के दबाव के कारण हो सकता है। इसके सिवाय, गर्भावस्था में होने वाले हार्मोनल बदलाव की वजह से भी हो सकता है।
• अधिक भार उठाना (Carry Over Weight)
जब अधिक भार उठाते हैं, तो मलाशय पर अतिरिक्त शारीरिक दबाव पड़ता है। लम्बे वक्त तक ऐसा करने से, रक्त वाहिकाओं में सूजन का खतरा बढ़ जाता है जिससे कारन बवासीर (Piles) की शुरुआत हो सकती है। इसके सिवाय, लम्बे समय तक खड़े और बैठे रहने से भी पाइल्स हो सकता है।
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